नाभिकीय विखंडन और संलयन: संपूर्ण अध्याय सारांश
1. नाभिकीय विखंडन (Nuclear Fission)
नाभिकीय विखंडन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी भारी तत्व (जैसे यूरेनियम-235 या प्लूटोनियम-239) के नाभिक को न्यूट्रॉन द्वारा विभाजित किया जाता है। इस प्रक्रिया में विशाल ऊर्जा उत्पन्न होती है। जब एक भारी नाभिक टूटता है, तो यह दो या अधिक हल्के नाभिकों, न्यूट्रॉनों और ऊर्जा का उत्सर्जन करता है।
नाभिकीय विखंडन की विशेषताएँ
- भारी नाभिक (यूरेनियम-235, प्लूटोनियम-239) का विखंडन होता है।
- ऊर्जा, न्यूट्रॉन और विकिरण उत्सर्जित होते हैं।
- यह प्रक्रिया श्रृंखला अभिक्रिया (Chain Reaction) को जन्म दे सकती है।
2. श्रृंखला अभिक्रिया (Chain Reaction)
जब नाभिकीय विखंडन होता है, तो उसमें मुक्त हुए न्यूट्रॉन अन्य नाभिकों से टकराते हैं और उन्हें भी विखंडित कर देते हैं। यदि यह प्रक्रिया अनवरत चलती रहती है, तो इसे श्रृंखला अभिक्रिया कहा जाता है।
श्रृंखला अभिक्रिया के प्रकार
(i) अनियंत्रित श्रृंखला अभिक्रिया (Uncontrolled Chain Reaction)
- यह तब होती है जब विखंडन की प्रक्रिया को नियंत्रित नहीं किया जाता और यह तेज़ी से बढ़ती जाती है।
- इससे अत्यधिक ऊर्जा उत्पन्न होती है, जो विस्फोट का कारण बनती है।
- परमाणु बम इसी सिद्धांत पर कार्य करता है।
(ii) नियंत्रित श्रृंखला अभिक्रिया (Controlled Chain Reaction)
- इस प्रक्रिया में विखंडन नियंत्रित किया जाता है ताकि ऊर्जा धीरे-धीरे उत्पन्न हो।
- इसे नियंत्रित करने के लिए नियंत्रक छड़ें (Control Rods) प्रयोग की जाती हैं, जो अतिरिक्त न्यूट्रॉन को अवशोषित कर लेती हैं।
- परमाणु भट्टी या नाभिकीय रिएक्टर में इस सिद्धांत का उपयोग किया जाता है।
3. परमाणु बम (Atomic Bomb)
परमाणु बम अनियंत्रित श्रृंखला अभिक्रिया पर आधारित होता है। इसमें यूरेनियम-235 या प्लूटोनियम-239 का उपयोग किया जाता है। जब इनमें विखंडन की प्रक्रिया शुरू होती है, तो यह इतनी तीव्र गति से होती है कि अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा और विकिरण उत्सर्जित होता है, जिससे विस्फोट होता है।
परमाणु बम के प्रमुख उदाहरण
- 6 अगस्त 1945: हिरोशिमा (यूरेनियम-235 आधारित “लिटिल बॉय”)
- 9 अगस्त 1945: नागासाकी (प्लूटोनियम-239 आधारित “फैट मैन”)
4. परमाणु भट्टी (Atomic Furnace) और नाभिकीय रिएक्टर (Nuclear Reactor)
नाभिकीय रिएक्टर एक यंत्र है जिसमें नियंत्रित श्रृंखला अभिक्रिया चलाई जाती है ताकि ऊर्जा को धीरे-धीरे उपयोग किया जा सके।
नाभिकीय रिएक्टर के प्रमुख घटक
- ईंधन (Fuel): यूरेनियम-235, प्लूटोनियम-239 आदि।
- नियंत्रक छड़ें (Control Rods): कैडमियम या बोरॉन से बनी होती हैं, जो अतिरिक्त न्यूट्रॉन को अवशोषित करती हैं।
- मॉडरेटर (Moderator): न्यूट्रॉनों की गति को धीमा करने के लिए उपयोग किया जाता है (जैसे भारी पानी या ग्रेफाइट)।
- कूलेंट (Coolant): उत्पन्न ऊष्मा को हटाने के लिए (जैसे पानी, द्रवित सोडियम)।
- संरक्षण आवरण (Shielding): विकिरण से बचाव के लिए।
नाभिकीय रिएक्टर के उपयोग
- विद्युत उत्पादन
- औद्योगिक प्रक्रिया ताप के रूप में
- रेडियोधर्मी समस्थानिकों का निर्माण
- अनुसंधान एवं चिकित्सा उपयोग
5. नाभिकीय संलयन (Nuclear Fusion)
नाभिकीय संलयन वह प्रक्रिया है जिसमें दो हल्के नाभिक (जैसे हाइड्रोजन समस्थानिक ड्यूटेरियम और ट्राइटियम) आपस में संलयित होकर एक भारी नाभिक (जैसे हीलियम) का निर्माण करते हैं और अत्यधिक ऊर्जा उत्सर्जित करते हैं।
नाभिकीय संलयन की विशेषताएँ
- इसमें अत्यधिक ऊष्मा (लगभग 107°C) और दबाव की आवश्यकता होती है।
- यह सूर्य और अन्य तारों में ऊर्जा उत्पादन का प्रमुख स्रोत है।
- इसमें बहुत अधिक ऊर्जा उत्पन्न होती है और यह अधिक सुरक्षित होती है क्योंकि यह नियंत्रित की जा सकती है।
6. हाइड्रोजन बम (Hydrogen Bomb)
हाइड्रोजन बम नाभिकीय संलयन पर आधारित होता है। इसमें पहले परमाणु बम का विस्फोट किया जाता है, जिससे इतनी ऊष्मा उत्पन्न होती है कि संलयन की प्रक्रिया शुरू हो सके।
हाइड्रोजन बम की विशेषताएँ
- यह परमाणु बम से कई गुना अधिक शक्तिशाली होता है।
- इसमें ड्यूटेरियम और ट्राइटियम जैसे हल्के तत्वों का उपयोग होता है।
- यह अधिक विध्वंसकारी और विनाशकारी होता है।
हाइड्रोजन बम का प्रमुख उदाहरण
1952 में अमेरिका ने “आइवी माइक” नामक पहला हाइड्रोजन बम परीक्षण किया था।
7. नाभिकीय ऊर्जा के लाभ और हानियाँ
लाभ
- यह एक स्वच्छ ऊर्जा स्रोत है, जिससे ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन नहीं होता।
- बहुत अधिक ऊर्जा उत्पन्न करता है।
- अन्य परंपरागत ऊर्जा स्रोतों की तुलना में अधिक कुशल है।
हानियाँ
- रेडियोधर्मी कचरे का निपटान एक बड़ी समस्या है।
- नाभिकीय दुर्घटनाएँ जैसे चेर्नोबिल (1986) और फुकुशिमा (2011) विनाशकारी रही हैं।
- परमाणु हथियारों का उपयोग विनाशकारी हो सकता है।
नाभिकीय भौतिकी (Nuclear Physics) और इससे जुड़े विषयों पर 100 महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर नीचे दिए गए हैं।
1-25: नाभिकीय विखंडन और संलयन
- नाभिकीय विखंडन क्या है?
➝ भारी नाभिक का छोटे नाभिकों में विभाजन। - नाभिकीय संलयन क्या है?
➝ हल्के नाभिकों का मिलकर भारी नाभिक बनाना। - नाभिकीय विखंडन में कौन-से तत्व प्रमुख रूप से उपयोग किए जाते हैं?
➝ यूरेनियम-235 और प्लूटोनियम-239। - नाभिकीय संलयन में कौन-से तत्व उपयोग किए जाते हैं?
➝ ड्यूटेरियम और ट्राइटियम। - नाभिकीय विखंडन और संलयन में अधिक ऊर्जा किसमें उत्पन्न होती है?
➝ नाभिकीय संलयन। - श्रृंखला अभिक्रिया क्या होती है?
➝ जब विखंडन के दौरान उत्पन्न न्यूट्रॉन अन्य नाभिकों का विखंडन कर देते हैं। - नियंत्रित श्रृंखला अभिक्रिया का उपयोग कहाँ किया जाता है?
➝ परमाणु रिएक्टर में। - अनियंत्रित श्रृंखला अभिक्रिया का उपयोग कहाँ किया जाता है?
➝ परमाणु बम में। - परमाणु संलयन कहाँ प्राकृतिक रूप से होता है?
➝ सूर्य और तारों में। - नाभिकीय विखंडन की खोज किसने की थी?
➝ ओट्टो हान और फ्रिट्ज़ स्ट्रासमन ने। - संलयन के लिए उच्च तापमान क्यों आवश्यक होता है?
➝ क्योंकि नाभिकों में विद्युत प्रतिकर्षण बल होता है। - संलयन में अधिक ऊर्जा क्यों निकलती है?
➝ द्रव्यमान-ऊर्जा रूपांतरण (E=mc²) के कारण। - यूरेनियम-235 का उपयोग किस प्रक्रिया में होता है?
➝ नाभिकीय विखंडन। - हाइड्रोजन बम किस सिद्धांत पर आधारित है?
➝ नाभिकीय संलयन। - परमाणु बम का पहला सफल परीक्षण कब और कहाँ हुआ था?
➝ 16 जुलाई 1945, अमेरिका में। - हाइड्रोजन बम के पहले परीक्षण का नाम क्या था?
➝ आइवी माइक। - नाभिकीय संलयन में मुख्य उत्पाद क्या होते हैं?
➝ हीलियम और ऊर्जा। - नाभिकीय विखंडन में न्यूट्रॉन की क्या भूमिका होती है?
➝ नाभिक के विखंडन को प्रारंभ करना। - विखंडन के दौरान कितने न्यूट्रॉन उत्पन्न होते हैं?
➝ 2 या 3 न्यूट्रॉन। - श्रृंखला अभिक्रिया को नियंत्रित करने के लिए क्या उपयोग किया जाता है?
➝ नियंत्रक छड़ें (कैडमियम, बोरॉन)। - संलयन की प्रक्रिया के लिए कौन-सा तापमान आवश्यक होता है?
➝ लगभग 10^7 डिग्री सेल्सियस। - परमाणु बम में विस्फोट के समय कौन-सी किरणें निकलती हैं?
➝ गामा किरणें और न्युट्रॉन विकिरण। - हाइड्रोजन बम को किस देश ने सबसे पहले विकसित किया था?
➝ अमेरिका ने। - परमाणु विस्फोट में कौन-सी घातक गैस उत्पन्न होती है?
➝ रेडियोधर्मी गैसें, जैसे स्ट्रोंटियम-90 और सीज़ियम-137। - नाभिकीय संलयन में द्रव्यमान-ऊर्जा समीकरण किसने दिया था?
➝ अल्बर्ट आइंस्टीन।
26-50: नाभिकीय रिएक्टर और उनके उपयोग
- नाभिकीय रिएक्टर का मुख्य उद्देश्य क्या है?
➝ विद्युत उत्पादन। - नाभिकीय रिएक्टर का मुख्य ईंधन क्या है?
➝ यूरेनियम-235 और प्लूटोनियम-239। - नाभिकीय रिएक्टर में न्यूट्रॉनों की गति को नियंत्रित करने के लिए क्या उपयोग किया जाता है?
➝ मॉडरेटर। - मॉडरेटर का उदाहरण क्या है?
➝ भारी पानी, ग्रेफाइट। - नाभिकीय कचरे को कैसे नष्ट किया जाता है?
➝ भूमिगत भंडारण, पुनः प्रसंस्करण। - नाभिकीय ऊर्जा का सबसे बड़ा उत्पादक देश कौन-सा है?
➝ अमेरिका। - भारत में पहला परमाणु रिएक्टर कौन-सा था?
➝ अप्सरा। - नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र का मुख्य खतरा क्या है?
➝ रेडियोधर्मी विकिरण। - परमाणु ऊर्जा आयोग की स्थापना कब हुई थी?
➝ 1948 में। - चेर्नोबिल दुर्घटना कब हुई थी?
➝ 1986 में। - भारत में नाभिकीय ऊर्जा उत्पादन का प्रमुख संगठन कौन-सा है?
➝ भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC)। - भारत का पहला नाभिकीय विद्युत संयंत्र कहाँ है?
➝ तारापुर, महाराष्ट्र। - भारत में कितने नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र हैं?
➝ 7 कार्यरत (2025 तक)। - फुकुशिमा दुर्घटना कब हुई थी?
➝ 2011 में। - रेडियोधर्मी विकिरण के प्रकार क्या हैं?
➝ अल्फा, बीटा, गामा। - नाभिकीय ऊर्जा से कितनी बिजली उत्पन्न होती है?
➝ वैश्विक स्तर पर लगभग 10%। - सबसे सुरक्षित नाभिकीय रिएक्टर कौन-सा है?
➝ थोरियम-आधारित रिएक्टर। - यूरेनियम का मुख्य खनन स्थल भारत में कहाँ है?
➝ जादुगोड़ा, झारखंड। - परमाणु ईंधन पुनः प्रसंस्करण क्या है?
➝ पुराने ईंधन से प्लूटोनियम और यूरेनियम निकालना। - नाभिकीय कचरे का निपटान कैसे किया जाता है?
➝ कांचबंद संरचना में संग्रह। - रेडियोधर्मी तत्वों का चिकित्सा में उपयोग क्या है?
➝ कैंसर उपचार, रेडियोथेरेपी। - भारत का सबसे बड़ा नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र कौन-सा है?
➝ कुडनकुलम परमाणु संयंत्र। - नाभिकीय विकिरण किस अंग को सबसे अधिक प्रभावित करता है?
➝ अस्थि मज्जा (Bone Marrow)। - क्या परमाणु ऊर्जा अक्षय ऊर्जा है?
➝ नहीं। - यूरेनियम का समस्थानिक कौन-सा सबसे ज्यादा उपयोग होता है?
➝ यूरेनियम-235।
51-75: नाभिकीय ऊर्जा के उपयोग और प्रभाव
- नाभिकीय ऊर्जा का मुख्य उपयोग क्या है?
➝ विद्युत उत्पादन। - नाभिकीय ऊर्जा का सैन्य उपयोग क्या है?
➝ परमाणु हथियार निर्माण। - नाभिकीय ऊर्जा का औद्योगिक उपयोग क्या है?
➝ इस्पात उत्पादन, रेडियोधर्मी परीक्षण। - नाभिकीय ऊर्जा का चिकित्सा क्षेत्र में क्या उपयोग है?
➝ कैंसर उपचार (रेडियोथेरेपी), मेडिकल इमेजिंग। - रेडियोधर्मी समस्थानिकों का कृषि में उपयोग क्या है?
➝ कीटनाशक उत्पादन, अनाज संरक्षण। - परमाणु ऊर्जा को स्वच्छ ऊर्जा क्यों कहा जाता है?
➝ क्योंकि इसमें ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन नहीं होता। - नाभिकीय ऊर्जा संयंत्रों का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ता है?
➝ रेडियोधर्मी कचरे का खतरा। - नाभिकीय ईंधन पुनः प्रसंस्करण से क्या लाभ होता है?
➝ पुन: उपयोग और रेडियोधर्मी कचरे में कमी। - भारत में नाभिकीय ऊर्जा का योगदान कुल बिजली उत्पादन में कितना है?
➝ लगभग 3-4%। - नाभिकीय ऊर्जा का उपयोग करने वाला पहला देश कौन-सा था?
➝ अमेरिका। - यूरेनियम का प्राकृतिक रूप कौन-सा होता है?
➝ यूरेनियम-238। - थोरियम आधारित नाभिकीय रिएक्टर का क्या लाभ है?
➝ यह सुरक्षित और अधिक उपलब्ध ईंधन है। - नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा क्या है?
➝ रेडियोधर्मी रिसाव और दुर्घटनाएँ। - नाभिकीय ऊर्जा संयंत्रों के लिए सबसे सुरक्षित डिजाइन कौन-सा है?
➝ पीबीआर (Pebble Bed Reactor)। - यूरेनियम को परमाणु ईंधन के रूप में क्यों चुना जाता है?
➝ इसकी विखंडन क्षमता अधिक होती है। - परमाणु दुर्घटनाओं के दौरान कौन-सा तत्व सबसे अधिक हानिकारक होता है?
➝ प्लूटोनियम और सीज़ियम-137। - भारत की नाभिकीय नीति का मुख्य उद्देश्य क्या है?
➝ शांतिपूर्ण उपयोग और ऊर्जा उत्पादन। - भारत के पास कौन-सा प्रमुख नाभिकीय ईंधन भंडार है?
➝ थोरियम। - भारत के प्रमुख नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र कहाँ स्थित हैं?
➝ तारापुर, कुडनकुलम, कैगा, रावतभाटा। - भारत में थोरियम का सबसे बड़ा भंडार कहाँ है?
➝ केरल के समुद्री तटों पर। - नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र के शीतलक (Coolant) के रूप में क्या उपयोग किया जाता है?
➝ पानी, द्रवित सोडियम। - संयुक्त राष्ट्र का कौन-सा संगठन नाभिकीय ऊर्जा को नियंत्रित करता है?
➝ IAEA (International Atomic Energy Agency)। - नाभिकीय ऊर्जा के उपयोग को सीमित करने के लिए कौन-सी संधि बनाई गई थी?
➝ एनपीटी (Nuclear Non-Proliferation Treaty)। - नाभिकीय ऊर्जा के कारण कौन-सी प्रमुख दुर्घटनाएँ हुई हैं?
➝ चेर्नोबिल (1986), फुकुशिमा (2011), थ्री माइल आइलैंड (1979)। - परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में ‘Scram’ का क्या अर्थ होता है?
➝ आपातकालीन शटडाउन।
76-100: सुरक्षा, अनुसंधान और भविष्य के दृष्टिकोण
- नाभिकीय रिएक्टरों में सुरक्षा के लिए कौन-से प्रमुख उपाय अपनाए जाते हैं?
➝ नियंत्रक छड़ें, कूलिंग सिस्टम, शील्डिंग। - भारत का पहला तेज प्रजनक रिएक्टर कौन-सा है?
➝ प्रोटोटाइप फास्ट ब्रीडर रिएक्टर (PFBR)। - नाभिकीय विकिरण मापने के लिए कौन-सा उपकरण उपयोग किया जाता है?
➝ गीगर-मुलर काउंटर। - रेडियोधर्मी तत्वों के विकिरण को कौन-सा पदार्थ रोक सकता है?
➝ सीसा और मोटी कंक्रीट की दीवारें। - थ्री माइल आइलैंड दुर्घटना कहाँ हुई थी?
➝ अमेरिका। - नाभिकीय ऊर्जा संयंत्रों में बैकअप सिस्टम का क्या कार्य है?
➝ दुर्घटना के समय रिएक्टर को ठंडा रखना। - क्या नाभिकीय ऊर्जा संयंत्रों से कार्बन डाइऑक्साइड निकलती है?
➝ नहीं। - नाभिकीय संलयन से चलने वाले रिएक्टर का नाम क्या है?
➝ टोकामाक रिएक्टर। - ITER प्रोजेक्ट क्या है?
➝ एक अंतरराष्ट्रीय संलयन ऊर्जा परियोजना। - भारत किस अंतरराष्ट्रीय नाभिकीय संधि का सदस्य नहीं है?
➝ NPT (Nuclear Non-Proliferation Treaty)। - रेडियोधर्मी तत्व कितने समय तक सक्रिय रहते हैं?
➝ यह उनके अर्धायु काल (Half-life) पर निर्भर करता है। - यूरेनियम-235 का अर्धायु काल कितना होता है?
➝ लगभग 700 मिलियन वर्ष। - भारत में नाभिकीय अनुसंधान केंद्र कौन-सा है?
➝ भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (BARC)। - हाइड्रोजन बम में पहला विस्फोट किसका होता है?
➝ परमाणु बम का। - नाभिकीय संलयन के लिए आवश्यक न्यूनतम तापमान क्या है?
➝ लगभग 10 मिलियन डिग्री सेल्सियस। - रेडियोधर्मी तत्वों का उपयोग अंतरिक्ष मिशनों में कैसे किया जाता है?
➝ RTG (Radioisotope Thermoelectric Generators) के रूप में। - भारत में किस मिशन के तहत थोरियम आधारित रिएक्टर विकसित किए जा रहे हैं?
➝ तीन-स्तरीय नाभिकीय ऊर्जा कार्यक्रम। - संलयन ऊर्जा को व्यावसायिक रूप से उपलब्ध कराने के लिए कौन-सी चुनौती है?
➝ उच्च तापमान और नियंत्रण। - भारत की नाभिकीय नीति किस सिद्धांत पर आधारित है?
➝ शांतिपूर्ण उपयोग। - क्या नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित हो सकते हैं?
➝ हाँ, जैसे भूकंप और सुनामी। - परमाणु परीक्षण पर प्रतिबंध लगाने के लिए कौन-सी संधि लागू की गई है?
➝ CTBT (Comprehensive Nuclear-Test-Ban Treaty)। - नाभिकीय ऊर्जा का भविष्य क्या हो सकता है?
➝ सुरक्षित और स्वच्छ ऊर्जा स्रोत। - क्या थोरियम आधारित रिएक्टर यूरेनियम रिएक्टरों से बेहतर हैं?
➝ हाँ, क्योंकि वे सुरक्षित और अधिक उपलब्ध हैं। - क्या नाभिकीय ऊर्जा को नवीकरणीय ऊर्जा माना जाता है?
➝ नहीं, क्योंकि यूरेनियम और थोरियम सीमित संसाधन हैं। - नाभिकीय ऊर्जा का सबसे बड़ा लाभ क्या है?
➝ कम कार्बन उत्सर्जन और उच्च ऊर्जा उत्पादन।
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