Famous Classical Dances of India and Their Maestros | भारत के प्रमुख शास्त्रीय नृत्य और उनके कलाकार

यहाँ प्रमुख शास्त्रीय नृत्य और उनके प्रसिद्ध कलाकारों की सूची दी गई है:-

शास्त्रीय नृत्यप्रसिद्ध कलाकार
भरतनाट्यम्बालासरस्वती, रुक्मिणी देवी अरुंडेल, मल्लिका साराभाई
कथकबिरजू महाराज, सितारा देवी, गोपी कृष्ण
कथकलीकेलुचरण महापात्र, रामन कुट्टी नायर, कलामंडलम गोपी
कुचिपुड़ीयमिनी कृष्णमूर्ति, राजा-राधा रेड्डी, वेम्पति चिन्ना सत्यम
ओडिसीकेलुचरण महापात्र, सोनल मानसिंह, सुजाता महापात्र
मणिपुरीझब्बन सिंह, गुरु बिपिन सिंह, देवीप्रसाद दास
मोहिनीअट्टमकनक रेले, भारती शिवाजी, कलामंडलम कल्याणी कुट्टी अम्मा
सत्रियाश्रीमंत शंकरदेव, गुरु गोविंद महंत, अनु पंडित

यहाँ प्रमुख शास्त्रीय नृत्यों से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य दिए गए हैं-

1. भरतनाट्यम्

  • यह दक्षिण भारत (तमिलनाडु) का प्राचीनतम शास्त्रीय नृत्य है।
  • पहले यह मंदिरों में देवताओं की भक्ति में प्रस्तुत किया जाता था।
  • इसे “भाव”, “राग”, “ताल” और “नाट्यम” (नृत्य) के समावेश से नाम मिला है।

2. कथक

  • यह उत्तर भारत का शास्त्रीय नृत्य है, जिसका विकास कथावाचन परंपरा से हुआ।
  • मुगल काल में इसमें भाव-भंगिमाओं और सूफी तत्वों का समावेश हुआ।
  • प्रमुख घराने: लखनऊ, जयपुर, बनारस और रायगढ़।

3. कथकली

  • यह केरल का पारंपरिक नृत्य रूप है, जिसमें रंग-बिरंगे मुखौटे और विस्तृत मेकअप का उपयोग होता है।
  • इसमें नृत्य के साथ-साथ नाटकीयता भी होती है।

4. कुचिपुड़ी

  • यह आंध्र प्रदेश का शास्त्रीय नृत्य है, जो पहले केवल पुरुषों द्वारा किया जाता था।
  • इसे गुरु वेदांतम लक्ष्मीनारायण शास्त्री ने लोकप्रिय बनाया।

5. ओडिसी

  • यह ओडिशा का प्रसिद्ध शास्त्रीय नृत्य है, जो प्राचीन मंदिर नृत्य परंपरा से विकसित हुआ।
  • इसमें त्रिभंगी मुद्रा और चौक मुद्रा महत्वपूर्ण हैं।

6. मणिपुरी

  • यह मणिपुर का पारंपरिक नृत्य है, जो मुख्य रूप से राधा-कृष्ण की लीलाओं पर आधारित है।
  • इसमें भावनात्मक अभिव्यक्ति और कोमलता प्रमुख होती है।

7. मोहिनीअट्टम

  • यह केरल का प्रमुख शास्त्रीय नृत्य है, जिसका अर्थ है “मोहिनी का नृत्य”।
  • इसे मुख्य रूप से महिलाएं प्रस्तुत करती हैं।

8. सत्रिया

  • यह असम का शास्त्रीय नृत्य है, जिसे श्रीमंत शंकरदेव ने भक्ति आंदोलन के दौरान विकसित किया था।
  • यह वैष्णव परंपरा से जुड़ा हुआ है।

संविधान में मान्यता: भारत में कुल 8 शास्त्रीय नृत्य सांस्कृतिक विरासत के रूप में मान्यता प्राप्त हैं।

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