
गुरुत्वाकर्षण (Gravitation) – सम्पूर्ण अध्याय सारांश
गुरुत्वाकर्षण वह बल है जो प्रत्येक दो पिंडों के बीच कार्य करता है और उन्हें एक-दूसरे की ओर आकर्षित करता है। इसका अध्ययन मुख्यतः न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण नियम, g में परिवर्तन, लिफ्ट में पिंड का भार, केप्लर के नियम, उपग्रहों की गति, भूस्थिर उपग्रह, एवं पलायन वेग जैसे विषयों पर केंद्रित होता है।
1. न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण नियम (Newton’s Law of Gravitation)
न्यूटन ने 1687 में गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम प्रतिपादित किया, जिसके अनुसार:
“सभी पिंड एक-दूसरे को एक बल से आकर्षित करते हैं, जो उनके द्रव्यमान के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है।”
गणितीय रूप से, F=Gm1m2/r2
जहाँ,
- F = गुरुत्वाकर्षण बल
- G = सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियतांक (6.674 × 10-11Nm2/kg2)
- m1,m2 = पिंडों के द्रव्यमान
- r = उनके बीच की दूरी
2. गुरुत्व (Gravity) और g में परिवर्तन
पृथ्वी की सतह पर किसी पिंड पर लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल उसका भार कहलाता है। गुरुत्वीय त्वरण (gg) का मान पृथ्वी पर औसतन 9.8 m/s2 होता है।
g में परिवर्तन के कारण:
- ऊँचाई पर: g कम हो जाता है।
- गहराई में: g कम हो जाता है।
- ध्रुवों पर: g अधिक होता है।
- विषुवतीय क्षेत्र पर: g कम होता है।
गणितीय रूप से, ऊँचाई h पर g का मान: g′=g(1−2h/R)
जहाँ R पृथ्वी की त्रिज्या है।
3. लिफ्ट में पिंड का भार
लिफ्ट में पिंड के भार में निम्नलिखित परिवर्तन होते हैं:
- ऊपर की ओर गति (त्वरण a से): भार बढ़ जाता है, W′=m(g+a)
- नीचे की ओर गति (त्वरण a से): भार घट जाता है, W′=m(g−a)
- निःशुल्क गिरने की स्थिति में: भार शून्य हो जाता है (W’ = 0) – जिसे भारहीनता (Weightlessness) कहते हैं।
4. केप्लर के ग्रह गति के नियम (Kepler’s Laws of Planetary Motion)
केप्लर ने ग्रहों की गति से संबंधित तीन नियम दिए:
- कक्षीय नियम (Law of Orbits):
- प्रत्येक ग्रह सूर्य के चारों ओर दीर्घवृत्ताकार कक्षा में गति करता है, जिसमें सूर्य एक फोकस पर स्थित होता है।
- क्षेत्रफल नियम (Law of Areas):
- ग्रह द्वारा कक्षा में चलते हुए समान समय में सूर्य से जुड़ी रेखा समान क्षेत्रफल को पार करती है।
- इसका अर्थ है कि ग्रह जब सूर्य के निकट होता है तो उसकी गति अधिक होती है और जब सूर्य से दूर होता है तो उसकी गति कम होती है।
- आवर्तकाल नियम (Law of Periods):
- ग्रह के परिक्रमण का वर्ग उसके अर्ध-प्रधान अक्ष (Semi-Major Axis) के घन के समानुपाती होता है।
5. उपग्रह और उनकी गति (Satellites and Their Motion)
उपग्रह दो प्रकार के होते हैं:
- प्राकृतिक उपग्रह – जैसे पृथ्वी का चंद्रमा।
- कृत्रिम उपग्रह – मनुष्यों द्वारा प्रक्षेपित उपग्रह।
कक्षा में घूमने वाले उपग्रहों की गति को संतुलित रखने के लिए आवश्यक परिक्रमण वेग होता है: v=√[GM(R+h)]
- M = पृथ्वी का द्रव्यमान
- R = पृथ्वी की त्रिज्या
- h = ऊँचाई
6. उपग्रह का परिक्रमण काल (Orbital Period of Satellite)
किसी उपग्रह का परिक्रमण काल इस प्रकार निकाला जाता है: T=2π√(R+h)3/GM
गियोस्टेशनरी (भू-स्थिर) उपग्रह वे होते हैं जिनका परिक्रमण काल 24 घंटे के बराबर होता है, जिससे वे पृथ्वी के सापेक्ष स्थिर प्रतीत होते हैं।
7. पलायन वेग (Escape Velocity)
किसी वस्तु को पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र से बाहर निकालने के लिए न्यूनतम आवश्यक वेग पलायन वेग कहलाता है।
गणितीय रूप से, Ve=√2GM/R
पृथ्वी के लिए, Ve=11.2 km/s
यदि कोई पिंड इस वेग से छोड़ा जाए, तो वह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र से बाहर निकल जाएगा और कभी वापस नहीं आएगा।
निष्कर्ष (Conclusion)
गुरुत्वाकर्षण हमारे ब्रह्मांड के सबसे महत्वपूर्ण बलों में से एक है, जो ग्रहों, उपग्रहों और तारों की गति को नियंत्रित करता है। न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण नियम और केप्लर के ग्रह गति के नियम इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण सिद्धांत हैं। कृत्रिम उपग्रहों और अंतरिक्ष अभियानों में पलायन वेग और कक्षीय गतिकी का महत्वपूर्ण योगदान है।
📌 महत्वपूर्ण तथ्य:
- पृथ्वी पर g का मान 9.8 m/s2 होता है।
- चंद्रमा पर g पृथ्वी के g का 1/6 भाग है।
- अंतरिक्ष में भारहीनता की स्थिति बनती है।
- भू-स्थिर उपग्रह पृथ्वी की सतह से लगभग 35,786 किमी ऊपर होते हैं।
- पलायन वेग ग्रह के द्रव्यमान और त्रिज्या पर निर्भर करता है।
गुरुत्वाकर्षण (Gravitation) – 25 महत्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न उत्तर सहित
1-10: न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण नियम और g में परिवर्तन
- न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण नियम किस पर निर्भर करता है?
उत्तर: द्रव्यमान और दूरी दोनों पर - यदि पृथ्वी का द्रव्यमान दुगुना कर दिया जाए और त्रिज्या अपरिवर्तित रहे, तो g का मान होगा?
उत्तर: दुगुना - पृथ्वी की त्रिज्या बढ़ने पर g का मान होगा?
उत्तर: घटेगा - g का मान सबसे अधिक कहाँ पाया जाता है?
उत्तर: ध्रुवों पर - यदि किसी वस्तु को चंद्रमा पर रखा जाए, तो उसके भार में क्या परिवर्तन होगा?
उत्तर: घट जाएगा - गुरुत्वीय नियतांक G का मात्रक क्या है?
उत्तर: Nm2/kg2 - पृथ्वी पर किसी वस्तु का भार क्या होता है?
उत्तर: गुरुत्वाकर्षण बल - यदि पृथ्वी की त्रिज्या आधी कर दी जाए, तो g का मान?
उत्तर: चार गुना हो जाएगा - g का मान समुद्र तल से ऊँचाई पर जाने पर?
उत्तर: घटता है - पृथ्वी की त्रिज्या और g के मान में क्या संबंध है?
उत्तर: g∝1/R2
11-15: लिफ्ट में भार, केप्लर के नियम
- जब लिफ्ट त्वरित गति से ऊपर जाती है, तो पिंड का भार?
उत्तर: बढ़ता है - जब लिफ्ट मुक्त रूप से गिरती है, तो पिंड का भार?
उत्तर: शून्य हो जाता है - केप्लर के प्रथम नियम के अनुसार ग्रह किस कक्षा में चलते हैं?
उत्तर: दीर्घवृत्ताकार - केप्लर का द्वितीय नियम किससे संबंधित है?
उत्तर: ग्रहों द्वारा समान समय में समान क्षेत्र कवर करना - केप्लर के तृतीय नियम के अनुसार ग्रहों के परिक्रमण काल का वर्ग किसके समानुपाती होता है?
उत्तर: त्रिज्या के घन के
16-20: उपग्रह एवं भूस्थिर उपग्रह
- उपग्रह किस बल के कारण पृथ्वी की परिक्रमा करते हैं?
उत्तर: गुरुत्वाकर्षण बल - कृत्रिम उपग्रह की कक्षा कैसी होती है?
उत्तर: दीर्घवृत्ताकार - भू-स्थिर उपग्रह का पृथ्वी से ऊँचाई कितनी होती है?
उत्तर: 35,786 किमी - भू-स्थिर उपग्रह का परिक्रमण काल कितना होता है?
उत्तर: 24 घंटे - किस उपग्रह का उपयोग टेलीविजन प्रसारण के लिए किया जाता है?
उत्तर: भू-स्थिर उपग्रह
21-25: पलायन वेग एवं अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न
- किसी ग्रह के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र से बाहर जाने के लिए न्यूनतम वेग क्या कहलाता है?
उत्तर: पलायन वेग - पृथ्वी के लिए पलायन वेग का मान क्या है?
उत्तर: 11.2 किमी/से - चंद्रमा के लिए पलायन वेग पृथ्वी के पलायन वेग से?
उत्तर: कम है - यदि किसी ग्रह का द्रव्यमान चार गुना हो जाए और त्रिज्या दुगुनी हो जाए, तो पलायन वेग?
उत्तर: अपरिवर्तित रहेगा - अंतरिक्ष यात्री भारहीनता क्यों महसूस करते हैं?
उत्तर: वे स्वतंत्र रूप से गिर रहे होते हैं
📌 महत्वपूर्ण बिंदु:
✅ पृथ्वी का g – 9.8 m/s²
✅ पृथ्वी का पलायन वेग – 11.2 किमी/से
✅ चंद्रमा का g – पृथ्वी के g का 1/6
✅ चंद्रमा का पलायन वेग – 2.38 किमी/से
✅ भू-स्थिर उपग्रह – पृथ्वी के सापेक्ष स्थिर होता है
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